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Sabiya, MBBS student in Bangladesh: बांग्लादेश से लौटी छात्रा ने बताई आपबीती, दंगों के बीच रात 12 बजे छिपकर सैन्य वाहन से पहुंची एयरपोर्ट

Sabiya, MBBS student in Bangladesh; बांग्लादेश में एमबीबीएस की छात्रा साबिया सुरक्षित भारत लौट आई है। 17 जुलाई से बांग्लादेश में हालात बिगड़ने पर इंटरनेट बंद कर दिया....

मंडलेश्वर,Sabiya, MBBS student in Bangladesh: बांग्लादेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही नागर साबिया की बेटी हाजी साबिर खान पठान हाल ही में सकुशल घर लौट आई है. सबिया की पांच महीने की पढ़ाई अधूरी है. अगर हालात अच्छे रहे तो सबिया अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए बांग्लादेश लौट आएंगी। सबिया ने बांग्लादेश की वास्तविक स्थिति का वर्णन किया है।

Sabiya, MBBS student in Bangladesh;  आगे पढ़िए साबिया ने क्या बताया…

वह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 50 किलोमीटर दूर मिर्ज़ापुर जिले के तंगेल स्थित कुमुदनी महिला मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष की छात्रा है। बांग्लादेश में 17 जुलाई से हालात बिगड़ने लगे. उस रात से पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा दिया गया और आंतरिक सुरक्षा कारणों से इंटरनेट बंद कर दिया गया।

वैसे हमारे नजदीकी क्षेत्रों में सिर्फ ढाका में माहौल ज्यादा खराब था। बाकी चिट्टगांव जैसे दूरवर्ती क्षेत्रों में माहौल खराब था। अन्य छोटे स्थानों पर माहौल सामान्य था। कर्फ्यू के बाद हमने बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी मदद नामक हेल्पलाइन के माध्यम से उच्चायोग के संपर्क में रहे।4 अगस्त को बांग्लादेश का माहौल पूरी तरह से खराब हो गया था, तब भारतीय उच्चायोग की मदद से हम 22 भारतीय छात्राओं के दल ने 6 अगस्त को ढाका से नई–दिल्ली के लिए उड़ान भरी और सुरक्षित भारत पहुंचे। साबिया ने बताया कि माहौल बिगड़ा तो लगा कि अब घर नहीं पहुंच पाएंगे।

इंटरनेट बंद होने के बाद घर से संपर्क हुआ खत्म

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वार्ड 14 के पार्षद और साबिया के पिता हाजी साबीर खान पठान ने बताया कि हम बहुच चिंतित थे। क्योंकि हमारा संपर्क नहीं हो पाया। जब साबिया से पुनः संपर्क स्थापित हुआ तब थोड़े चिंतामुक्त हुए। साबिया भारतीय उच्चायोग की मदद से भारत पहुंची तो चिंता खत्म हुई।

फ्लाइट रद्द हुई

साबिया ने बताया कि बांग्लादेश के खराब माहौल वाली स्थिति में कॉलेज प्रबंधन का रवैया बहुत सहयोगात्मक रहा। हमें हर परिस्थिति से रूबरू करवाने के लिए कॉलेज प्रबंधन ने समय समय पर हमे सूचनाएं नोटिस के माध्यम से दी। स्थानीय फोन सुविधा चालू थी जिससे हम भारतीय उच्चायोग के सतत संपर्क में बने रहे।

पेट्रोलिंग वाहन से निकले

प्रबंधन ने 3 कैब के माध्यम से हमे मिर्जापुर स्थित कॉलेज परिसर से ढाका एयरपोर्ट छुड़वाया। 5 अगस्त को रात 11 बजे से साढ़े 12 बजे तक मिर्जापुर से 50 किमी का रास्ता हमने पुलिस की पेट्रोलिंग वाहन के साथ तय किया। यह सुविधा हमें भारतीय उच्चायोग के माध्यम से मिली हुई थी।

एयरपोर्ट पहुंचने के बाद हमें पता चला की सारी फ्लाइट रद्द कर दी गई है, हमारी फ्लाइट 6 अगस्त को सुबह 10 बजे थी, जो की रद्द हो चुकी थी। हम एयरपोर्ट पर ही रहे और उच्चायोग से सतत संपर्क में रहे। भारतीय उच्चायोग ने नई–दिल्ली तक एक फ्लाइट की व्यवस्था की जिसके माध्यम से हम 6 अगस्त को सुरक्षित भारत पहुंचे।

परिस्थिति सामान्य हुई तो वापस जाएंगी साबिया

साबिया ने बताया की वे बांग्लादेश के स्थानीय छात्राओं, भारतीय उच्चायोग एवं कॉलेज प्रबंधन से सतत संपर्क में है। वहां नई सरकार के गठन के उपरांत संभवतया: 15 अगस्त के बाद से स्थितियां सामान्य होना शुरू हो सकती हैं। उनका 5 माह का कोर्स और बचा है। थोड़ा समय रुक कर वापस बांग्लादेश जायेंगी। कोर्स पूरा करने के बाद वापस आकर मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करेगी।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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